14.11.18

सत्तरवाँ कथन

सत्तरवाँ कथन

यह पूरी तरह से मेरे अनुग्रह और मेरी दया के माध्यम से ही है कि मेरा रहस्य प्रकट और खुले तौर पर व्यक्त होता है, अब और छुपा नहीं है। मेरे वचन का मनुष्यों के बीच प्रकट होना, अब इसका छुपा न होना, और भी अधिक मेरे अनुग्रह और मेरी दया के कारण है। मैं उन सभी से प्यार करता हूँ जो ईमानदारी से मेरे लिए खुद को व्यय करते हैं और खुद को मेरे प्रति समर्पित करते हैं।
मैं उन सभी से नफ़रत करता हूँ जो मुझ से जन्मे हैं, मगर मुझे नहीं जानते हैं, यहाँ तक कि मेरा विरोध भी करते हैं। मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति का परित्याग नहीं करूँगा जो ईमानदारी से मेरे लिए है, बल्कि मैं उसके आशीषों को दुगुना कर दूँगा। जो लोग कृतघ्न हैं, मैं उन्हें दुगुनी सजा दूँगा, और उन्हें हल्के में नहीं छोड़ूगा। मेरे राज्य में कोई कुटिलता या छल नहीं है, कोई सांसारिकता नहीं है, अर्थात् मृतकों की कोई गंध नहीं है, बल्कि सारी सत्यपरायणता, धार्मिकता है, सारी शुद्धता और सारा खुलापन है, कुछ भी छुपाया गया या परदे में रखा गया नहीं है; सब कुछ ताज़ा है, आनंदपूर्ण है, सब कुछ आत्मिक उन्नति है। अगर कोई मृतकों की गंध को बनाये रखता है, तो निश्चित रूप से वह मेरे राज्य में नहीं रह सकता है, बल्कि उसे मेरे लौहदण्ड द्वारा शासित किया जाएगा। अति प्राचीनतम काल से लेकर वर्तमान समय तक के सभी अंतहीन रहस्य पूरी तरह से तुम लोगों के लिए—जो अंत के दिनों में मेरे द्वारा प्राप्त किए जाते हो—प्रकट किये गए हैं, क्या तुम सब धन्य महसूस नहीं करते हो? स्पष्ट अभिव्यक्ति का दिन और भी अधिक वह दिन होता है जब तुम लोग मेरे शासन को साझा करते हो।
जो लोग वास्तव में राजाओं के रूप में शासन करते हैं, मेरे द्वारा पूर्वनियति और चयन पर निर्भर करते हैं, और इसमें अवश्य कोई मानवीय इच्छा नहीं होगी। यदि कोई इसमें हिस्सा लेने की हिम्मत करता है, तो उसे अवश्य मेरे हाथ के प्रहार को झेलना होगा, और वह मेरी उग्र अग्नि का लक्ष्य होगा; यह मेरी धार्मिकता और प्रताप का एक और पक्ष है। मैंने कहा है, मैं सभी चीज़ों पर शासन करता हूँ, मैं ही वह बुद्धिमान परमेश्वर हूँ जो पूर्ण सत्ता का उपयोग करता है, और मैं किसी भी व्यक्ति के प्रति उदार नहीं हूँ, निष्ठुर हूँ, किसी के प्रति मेरी कोई व्यक्तिगत भावना नहीं है। मैं हर किसी के साथ अपनी धार्मिकता, सत्यपरायणता, और अपने प्रताप के साथ व्यवहार करता हूँ (चाहे कोई कितना भी अच्छा क्यों न बोलता हो, मैं उसे नहीं छोड़ूँगा), और इस बीच मैं हर किसी को मेरे कर्मों के चमत्कार को बेहतर ढंग से देखने, मेरे कर्मों का अर्थ क्या है इसे समझने में सक्षम बनाता हूँ। मैं दुष्ट आत्माओं के सभी प्रकार के कर्मों को एक-एक करके दण्डित करता हूँ, उन्हें एक-एक करके अथाह गड्ढे में डाल देता हूँ। यह कार्य मैंने उनके लिए कोई जगह न छोड़ते हुए, उनके लिए उनके कार्य करने की कोई जगह न छोड़ते हुए, समय शुरू होने से पहले ही पूरा कर लिया था। मेरे सभी चुने हुए लोग, जो मेरे द्वारा पूर्वनियत और चयनित हैं, किसी भी समय उनके कब्ज़े में नहीं हो सकते हैं, बल्कि वे हमेशा पवित्र होते हैं। जिन लोगों को मैंने पूर्वनियत और चयनित नहीं किया है, उन्हें मैं शैतान को सौंप देता हूँ और उन्हें अब और नहीं रहने देता हूँ। सभी पहलुओं में मेरे प्रशासनिक आदेशों में मेरी धार्मिकता, मेरा प्रताप शामिल हैं। मैं उन लोगों में से एक को भी नहीं जाने दूँगा जिन पर शैतान कार्य करता है, बल्कि उन्हें सशरीर अधोलोक में डाल दूँगा, क्योंकि मैं शैतान से नफ़रत करता हूँ। मैं इसे किसी भी तरह से आसानी से नहीं छोड़ूँगा, बल्कि इसे पूरी तरह से नष्ट कर दूँगा और इसके लिए इसके कार्य को करने का ज़रा-सा भी मौका नहीं छोड़ूँगा। जिन्हें शैतान ने एक निश्चित सीमा तक भ्रष्ट कर दिया है (वे जो आपदा के लक्ष्य हैं) वे मेरे स्वयं के हाथ की बुद्धिमत्तापूर्ण व्यवस्था के द्वारा ऐसे हैं। ऐसा मत सोच कि यह शैतान की क्रूरता की वजह से है, लेकिन जान ले कि मैं, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, ब्रह्मांड की सभी चीज़ों पर शासन कर रहा हूँ! मेरे लिए ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसे हल नहीं किया जा सकता है, ऐसी कोई चीज़ तो बिल्कुल भी नहीं है जिसे संपन्न नहीं किया जा सकता, या ऐसा कोई वचन नहीं है जिसे कहा नहीं जा सकता है। मनुष्यों को मेरे सलाहकारों के रूप में कार्य अवश्य नहीं करना चाहिए। मेरे हाथ से मारे जाने और अधोलोक में डाल दिए जाने के बारे में सावधान रह। मैं तुझे बताता हूँ! आज जो मेरे साथ अग्रसक्रिय रूप से सहयोग करते हैं वे ही सबसे चतुर लोग हैं, वे नुकसान से दूर रहते हैं, न्याय की पीड़ा से बचे रहते हैं। यह सब मेरी व्यवस्था में, मेरे द्वारा पूर्वनियति में है; बड़ी-बड़ी बातें करते हुए, यह सोचते हुए कि तू बहुत महान है, अविवेकी टीका-टिप्पणियाँ मत कर। क्या यह सब मेरे द्वारा पूर्वनियति के माध्यम से नहीं है? तुम लोगों को, जो मेरे सलाहकार बनते हो, कोई शर्म नहीं है! तुम लोग अपनी स्वयं की क़द-काठी को नहीं जानते हो, कि कितनी दयनीय रूप से तुच्छ है! फिर भी, तुम इसे बिना सोचे विचारे लेते हो, और खुद को नहीं समझते हो। बार-बार तुम लोग मेरे वचनों को अनसुना कर देते हो, मेरे मेहनती प्रयासों को व्यर्थ होने देते हो, शायद ही कभी सोचते हो कि यह मेरा अनुग्रह और मेरी कृपा है। इसके बजाय, तुम लोग बार-बार अपनी चालाकी दिखाते हो। क्या तुम लोगों को यह याद है? उन लोगों को कैसी ताड़ना अवश्य मिलनी चाहिए जो सोचते हैं कि वे चतुर हैं? मेरे वचनों के प्रति उदासीन और अविश्वासी रहकर, उन्हें अपने हृदय में नहीं उकेरते हुए, तुम लोग यह या वह करने के लिए मेरे बारे में दिखावा करते हो। कुकर्मियो! तुम लोग कब मेरे हृदय पर पूरी तरह से विचार कर सकते हो? तुम लोग मेरे हृदय पर विचार नहीं करते, और इसलिए तुम लोगों को कुकर्मी कहना तुम लोगों के प्रति दुर्व्यवहार नहीं होगा। यह तुम्हारे लिए बिलकुल उपयुक्त है!
आज मैं तुम लोगों को, एक-एक करके, उन चीज़ों को दिखाता हूँ जो किसी समय छुपी हुई थीं। बड़े लाल अजगर को अथाह गड्ढे में डाल दिया जाता है और वह पूरी तरह नष्ट कर दिया जाता है, क्योंकि इसे रखने का कोई उपयोग नहीं है, जिसका अर्थ है कि यह मसीह की सेवा नहीं कर सकता है। इसके बाद लाल चीज़ जैसी अब और नहीं होगी; धीरे-धीरे इसे अवश्य कमज़ोर होकर मिट जाना होगा। मैं जो कहता हूँ वह करता हूँ; यह मेरे कार्य की पूर्णता है। मानवीय धारणाओं को हटा दे, मैंने जो कुछ भी कहा है, उसे मैंने किया है। जो कोई भी चालाक होने का प्रयास करता है, वह खुद पर विनाश ला रहा है, खुद पर तिरस्कार ला रहा है, और जीना नहीं चाहता है। तो मैं तुझे संतुष्ट करूँगा और निश्चित रूप से ऐसे लोगों को नहीं रखूँगा। इसके बाद, आबादी उत्कृष्टता में बढ़ेगी, जबकि जो लोग मेरे साथ अग्रसक्रिय रूप से सहयोग नहीं करते हैं, उनका नामो-निशान तक मिटा दिया जाएगा। जिन्हें मैंने स्वीकार किया है, ये वे लोग है जिन्हें मैं सिद्ध करूँगा। मैं एक को भी नहीं निकालूँगा। मैं जो कहता हूँ, उसमें कोई विरोधाभास नहीं है। जो लोग मेरे साथ अग्रसक्रिय रूप से सहयोग नहीं करते हैं, वे अधिक ताड़ना भुगतेंगे, लेकिन अंततः मैं उन्हें निश्चित रूप से बचाऊँगा, फिर भी उस समय तक, उनके जीवन का विस्तार काफी अलग होगा। क्या तू ऐसा व्यक्ति बनना चाहता है? उठ, और मेरे साथ सहयोग कर! मैं निश्चित रूप से उन लोगों के साथ क्षुद्रता से व्यवहार नहीं करूँगा जो ईमानदारी से खुद को मेरे लिए व्यय करते हैं। जो अपने आप को ईमानदारी से मेरे प्रति समर्पित करते हैं, मैं तुझे अपने सभी आशीष प्रदान करूँगा। अपने आप को पूरी तरह से मेरे प्रति अर्पित कर दे! तू क्या खाता है, क्या पहनता है, और तेरा भविष्य, ये सभी मेरे हाथों में हैं, मैं इस सब को तेरे अनन्त, अक्षय आनंद के लिए ठीक से व्यवस्थित कर दूँगा, क्योंकि मैंने कहा है, "उन लोगों के लिए जो ईमानदारी से मेरे लिए व्यय करते हैं, मैं निश्चित रूप से तुझे बहुत आशीष दूँगा"। सभी आशीष हर उस व्यक्ति के पास आते हैं जो खुद को ईमानदारी से मेरे लिए व्यय करता है।

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