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7.8.19

परमेश्वर के कथन "स्वर्गिक परमपिता की इच्छा के प्रति आज्ञाकारिता ही मसीह का वास्तविक सार है" (अंश)

परमेश्वर के कथन "स्वर्गिक परमपिता की इच्छा के प्रति आज्ञाकारिता ही मसीह का वास्तविक सार है" (अंश)



सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "देहधारी परमेश्वर मसीह कहलाता है, तथा मसीह परमेश्वर के आत्मा के द्वारा धारण किया गया देह है। यह देह किसी भी मनुष्य की देह से भिन्न है। यह भिन्नता इसलिए है क्योंकि मसीह मांस तथा खून से बना हुआ नहीं है बल्कि आत्मा का देहधारण है। उसके पास सामान्य मानवता तथा पूर्ण परमेश्वरत्व दोनों हैं। उसकी दिव्यता किसी भी मनुष्य द्वारा धारण नहीं की जाती है। उसकी सामान्य मानवता देह में उसकी समस्त सामान्य गतिविधियों को बनाए रखती है, जबकि दिव्यता स्वयं परमेश्वर के कार्य करती है। चाहे यह उसकी मानवता हो या दिव्यता, दोनों स्वर्गिक परमपिता की इच्छा के प्रति समर्पित हैं।

18.8.18

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है"


अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर का भय और बुराई से दूर रहना और परमेश्वर को जानना अदृश्य तरीके से एक दूसरे से असंख्य धागों से जुड़ी रहती है और इनके मध्य यह सम्बन्ध स्पष्ट है। यदि एक व्यक्ति बुराई से दूर रहना चाहता है, तो उस व्यक्ति को परमेश्वर का वास्तविक भय होना आवश्यक है; यदि कोई परमेश्वर का वास्तविक भय प्राप्त करना चाहता है, तो उसे परमेश्वर के वास्तविक ज्ञान की आवश्यकता है; यदि कोई परमेश्वर के ज्ञान को प्राप्त करना चाहता है तो उसे सबसे पहले परमेश्वर के वचन का अनुभव करना होगा,

19.7.18

मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X सब वस्तुओं के जीवन का स्रोत परमेश्वर है (IV)" (भाग एक)


  मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X सब वस्तुओं के जीवन का स्रोत परमेश्वर है (IV)" (भाग एक)


इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट हुआ से आगे जारी" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
1.परमेश्वर किस प्रकार आत्मिक संसार पर शासन करता है और उसे चलाता है
1) अविश्वासियों का जीवन और मृत्यु चक्र

15.7.18

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (भाग दो)




अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (भाग दो)


इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट हुआ से आगे जारी" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:

परमेश्वर केवल ऐसे लोगों के विषय में ही चिंता करता है जो उसके वचनों को मानने और उसकी आज्ञाओं का पालन करने के योग्य हैं।

30.6.18

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर के स्वभाव और उसके कार्य के परिणाम को कैसे जानें" (भाग चार)


अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर के स्वभाव और उसके कार्य के परिणाम को कैसे जानें" (भाग चार)

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट हुआ से आगे जारी" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
परमेश्वर की मनोवृत्ति को समझना और परमेश्वर के विषय में सभी गलत अवधारणाओं को छोड़ देना
लोग अनुभव के आधार पर परमेश्वर को परिभाषित करने के लिए प्रवृत्त होते हैं

14.6.18

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग चार)


अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग चार)

इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट हुआ से आगे जारी" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
सन्तान: पाँचवां घटनाक्रम
2. अगली पीढ़ी का पालन पोषण करने के बाद, लोग नियति के विषय में एक नई समझ हासिल करते हैं
1. किसी व्यक्ति के पास इस पर कोई नियन्त्रण नहीं होता है कि उसकी संतान का क्या होगा
4. केवल वे ही सच्ची स्वतन्त्रता हासिल कर सकते हैं जो सृष्टिकर्ता की संप्रभुता के अधीन हो जाते हैं
3. नियति पर विश्वास करना सृष्टिकर्ता की संप्रभुता के ज्ञान के लिए कोई स्थानापन्न (के बदले में) नहीं है

10.6.18

मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II अंतिम दिनों के मसीह के कथन"


मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II अंतिम दिनों के मसीह के कथन"
"इस वीडियो में परमेश्वर के वचन ""वचन देह में प्रकट होता है"" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री: 
अय्यूब ने अपना बाकी का आधा जीवन परमेश्वर की आशीषों के मध्य बिताया
अपने जीवनकाल के दौरान अय्यूब के द्वारा उस मूल्य का जीवन बिताया गया
व्यवस्था के युग की रीति विधियां समूची मानवजाति के निर्देशन के विषय में वास्तविक प्रमाण हैं
मानवजाति परमेश्वर की शिक्षाओं एवं प्रावधानों से हमेशा के लिए अलग नहीं हो सकता है"


अनुशंसित: विश्वास क्या है--परमेश्वर से अनुमोदित विश्वास--ईसाई अनिवार्यताएं

जो सच्चे हृदय से परमेश्वर के आज्ञाकारी हैं वे निश्चित रूप से परमेश्वर के द्वारा ग्रहण किए जाएँगे


जो सच्चे हृदय से परमेश्वर के आज्ञाकारी हैं वे निश्चित रूप से परमेश्वर के द्वारा ग्रहण किए जाएँगे


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता और परमेश्वर के कार्य के प्रति समर्पण एक समान हैं। जो केवल परमेश्वर के प्रति समर्पित होते हैं लेकिन उसके कार्य के प्रति समर्पित नहीं होते हैं उन्हें आज्ञाकारी नहीं माना जा सकता है, और उन्हें तो बिल्कुल भी नहीं माना जा सकता है जो सचमुच में समर्पण नहीं करते हैं, और बाहरी तौर पर वे चापलूस हैं।

12.4.18

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग 2)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग 2)


इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट हुआ से आगे जारी" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
एक मनुष्य के जीवन में छ: घटनाक्रम
जन्म: पहला घटनाक्रम 1. सृष्टिकर्ता की योजनाओं के फलस्वरूप एक नए जीवन की उत्पत्ति हुई है 2. विभिन्न मानव विभिन्न परिस्थितियों के अंतर्गत जन्म क्यों लेते हैं

प्रभु की वापसी का स्वागत करने के लिए एक अति महत्वपूर्ण कदम

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