10.6.18

जो सच्चे हृदय से परमेश्वर के आज्ञाकारी हैं वे निश्चित रूप से परमेश्वर के द्वारा ग्रहण किए जाएँगे


जो सच्चे हृदय से परमेश्वर के आज्ञाकारी हैं वे निश्चित रूप से परमेश्वर के द्वारा ग्रहण किए जाएँगे


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता और परमेश्वर के कार्य के प्रति समर्पण एक समान हैं। जो केवल परमेश्वर के प्रति समर्पित होते हैं लेकिन उसके कार्य के प्रति समर्पित नहीं होते हैं उन्हें आज्ञाकारी नहीं माना जा सकता है, और उन्हें तो बिल्कुल भी नहीं माना जा सकता है जो सचमुच में समर्पण नहीं करते हैं, और बाहरी तौर पर वे चापलूस हैं।
जो सचमुच में परमेश्वर के प्रति समर्पण करते हैं वे सभी कार्य से लाभ प्राप्त करने और परमेश्वर के स्वभाव और कार्य की समझ प्राप्त करने में समर्थ होते हैं। केवल ऐसे लोग ही वास्तव में परमेश्वर के प्रति समर्पण करते हैं। ऐसे लोग नए कार्य से नया ज्ञान प्राप्त करने और उससे नए परिवर्तनों का अनुभव करने में समर्थ होते हैं। केवल ऐसे मनुष्यों के पास ही परमेश्वर का अनुमोदन होता हैः केवल इस प्रकार का मनुष्य ही ऐसा है जिसे सिद्ध बनाया जाता है, एक ऐसा जो अपने स्वभाव में रूपान्तरण से गुज़र चुका है।"


चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

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