अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI परमेश्वर की पवित्रता (III)" (भाग तीन)
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "चूँकि परमेश्वर के पास मानवजाति की कोई भ्रष्टता नहीं है और यहाँ तक कि दूर-दूर तक उसके पास मानवजाति के भ्रष्ट स्वभाव या शैतान का सार के समान ऐसा कुछ भी नहीं है, तो इस दृष्टिकोण से हम कह सकते हैं कि परमेश्वर पवित्र है। परमेश्वर कोई भ्रष्टता प्रगट नहीं करता है, और उसके कार्य में उसके स्वयं के सार का प्रकाशन ही हमारे लिये आवश्यक इस बात की पूरी पुष्टि है कि स्वयं परमेश्वर पवित्र है। क्या अब तुम लोग देख रहे हो? कहने का तात्पर्य है, परमेश्वर के पवित्र सार को जानने के लिए, कुछ समय के लिए आइए हम इन दो पहलुओं पर नज़र डालें: 1) परमेश्वर में कोई भ्रष्ट स्वभाव नहीं है; 2) मनुष्य पर किए गए परमेश्वर के कार्य का सार मनुष्य को परमेश्वर के स्वयं के सार को देखने की अनुमति देता है और यह सार पूरी तरह से सकारात्मक एवं वास्तविक है।
क्योंकि ऐसी कौन सी चीज़ें हैं जिन्हें परमेश्वर के कार्य का हर तरीका मनुष्य के लिए लेकर आता है? वे सभी सकारात्मक चीज़ें हैं, वे सब प्रेम हैं, सारी सच्चाई एवं सारी वास्तविकता है।"
क्योंकि ऐसी कौन सी चीज़ें हैं जिन्हें परमेश्वर के कार्य का हर तरीका मनुष्य के लिए लेकर आता है? वे सभी सकारात्मक चीज़ें हैं, वे सब प्रेम हैं, सारी सच्चाई एवं सारी वास्तविकता है।"
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें