20.4.19

"वार्तालाप" क्लिप 4 - सत्ताधारी हुकूमत की आज्ञा का पालन करना परमेश्वर की आज्ञा का पालन करने जैसा नहीं है


Hindi Gospel Video "वार्तालाप" क्लिप 4 - सत्ताधारी हुकूमत की आज्ञा का पालन करना परमेश्वर की आज्ञा का पालन करने जैसा नहीं है


सीसीपी ने थ्री-सेल्फ़ कलीसिया के एक पादरी को बुलाया ताकि एक ईसाई को कपट से बहला-फुसलाकर परमेश्वर का त्याग कर देने के लिये उसका मत-परिवर्तन कर सके। उस ईसाई और पादरी के बीच पौलुस के वचनों को लेकर एक ख़ूबसूरत बहस हुई: "हर एक व्यक्‍ति शासकीय अधिकारियों के अधीन रहे, क्योंकि कोई अधिकार ऐसा नहीं जो परमेश्‍वर की ओर से न हो; और जो अधिकार हैं, वे परमेश्‍वर के ठहराए हुए हैं" (रोमियों 13:1)।(© BSI) इन वचनों की उन दोनों की अलग-अलग व्याख्या क्या है?
थ्री-सेल्फ़ कलीसिया का पादरी सीसीपी के अधीन है और उसने थ्री-सेल्फ़ कलीसिया का मार्ग अपनाया है—इसमें कौन-सा गुप्त अभिप्राय है? ईसाई "शासकीय अधिकारियों के अधीन रहे," को लेकर पादरी के वितर्क का खंडन कैसे करेगी?
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।


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