Hindi prayer song | ख़्यालों से और कल्पनाओं से परमेश्वर को कभी न जान पाओगे
परमेश्वर को जानना हमारे अनुभव और कल्पना पर निर्भर नहीं है, निर्भर नहीं है। उसे परमेश्वर पर, थोपने की जुर्रत ना करना, ना करना। इंसां का अनुभव, चाहे कितना भी गहरा हो, मगर उसकी अपनी सीमायें हैं, वो ना तथ्य है ना कोई, सच्चाई है, परमेश्वर के, स्वभाव से, भी असंगत है, परमेश्वर के असल सार से भी भिन्न है, भिन्न है। धर्मी स्वभाव ही परमेश्वर का, उसका सच्चा सार है, उसका सच्चा सार है; उस पर ना इंसां का हुक्म चलता है, ना वो अपनी किसी रचना-सा है। वो तो है आख़िर परमेश्वर। रहे भले वो इंसानों में, मगर वो अपनी रचना का हिस्सा नहीं है; उसका स्वभाव बदलेगा, ना उसका सार बदलेगा। परमेश्वर का ज्ञान चीज़ों को देखने से, द्रव्य को अलग करने से, इंसान को समझने से आता नहीं। परमेश्वर का ज्ञान ऐसे साधनों और पथ से मिलता नहीं। प्रभु का ज्ञान अनुभव और ख़्यालों पर निर्भर नहीं है। उनकी सीमाएं हैं, वे ना तथ्य हैं, ना सच्चाई हैं, ना सच्चाई हैं। धर्मी स्वभाव ही परमेश्वर का, उसका सच्चा सार है, उसका सच्चा सार है; उस पर ना इंसां का हुक्म चलता है, ना वो अपनी किसी रचना-सा है। वो तो है आख़िर परमेश्वर। रहे भले वो इंसानों में, मगर वो अपनी रचना का हिस्सा नहीं है; उसका स्वभाव बदलेगा, ना उसका सार बदलेगा। जान पायेगा ना कोई प्रभु को, सिर्फ़ अपनी कल्पना से। कर लो उसे स्वीकार जो भी मिलता है प्रभु से, परमेश्वर, को जानने का पथ यही बस यही है: थोड़ा-थोड़ा करके उसका अनुभव तुम लेते चलो। वो दिन आएगा जब सच्चाई के लिये तुम्हारे सहयोग की वजह से, तुम्हारी भूख-प्यास की वजह से उसे जानने-समझने के लिये, परमेश्वर तुम्हें प्रबुद्ध करेगा। धर्मी स्वभाव ही परमेश्वर का, उसका सच्चा सार है, उसका सच्चा सार है; उस पर ना इंसां का हुक्म चलता है, ना वो अपनी किसी रचना-सा है। वो तो है आख़िर परमेश्वर। रहे भले वो इंसानों में, मगर वो अपनी रचना का हिस्सा नहीं है; उसका स्वभाव बदलेगा, ना उसका सार बदलेगा। "वचन देह में प्रकट होता है" से
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
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