26.8.18

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "केवल परमेश्वर के प्रबंधन के मध्य ही मनुष्य बचाया जा सकता है"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "केवल परमेश्वर के प्रबंधन के मध्य ही मनुष्य बचाया जा सकता है"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "और ऐसा इसलिए है क्योंकि मनुष्य को मानवजाति के लिए परमेश्वर के द्वारा किए गए उद्धार के कार्य की महत्ता और परमेश्वर के प्रबंधकारणीय कार्य की महत्ता की समझ नहीं है, और वह यह नहीं समझता कि परमेश्वर अंततः मनुष्य को कैसा बनते देखना चाहता है। क्या शैतान के दोष से रहित आदम और हव्वा के समान? नहीं!
परमेश्वर का प्रबंधन लोगों के एक ऐसे समूह को प्राप्त करने के लिए है जो उसकी आराधना करे और उसके अधीन रहे। ये मानवजाति शैतान के द्वारा भ्रष्ट की जा चुकी है, परन्तु अब शैतान को पिता के तौर पर नहीं देखती; वह शैतान के बुरे चेहरे को पहचानता है और उसे अस्वीकार करता है और परमेश्वर के न्याय और ताड़ना को स्वीकार करने के लिये उसके सामने आता है। वह जानता है कि क्या बुरा है, और जो पवित्र है उसके विपरीत वह कैसा दिखता है, और वह परमेश्वर की महानता को पहचानता है और शैतान की दुष्टता को भी समझता है। इस प्रकार की मानवजाति अब शैतान के लिए कार्य नहीं करती है, या उसकी आराधना नहीं करती है, या शैतान को प्रतिष्ठित नहीं करती है। इसका कारण यह है कि यह एक ऐसे लोगों का समूह है जो वास्तव में परमेश्वर को प्राप्त हो गए हैं। यही परमेश्वर की मानवजाति के प्रबंधन की महत्ता है।"
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