9.4.19

राज्य गान (III) सभी जन आनंद के लिये जयकार करते हैं




New Hindi Christian Song | राज्य गान (III) सभी जन आनंद के लिये जयकार करते हैं

हर इंसान देखता है प्रकाश फिर परमेश्वर के प्रकाश में,

हर इंसान लेता है आनंद अच्छी चीज़ों का, परमेश्वर के वचनों में।
पूरब से आता है परमेश्वर, वहीं से है परमेश्वर।
और चमकते हैं सभी देश रोशनी में।
चमकाता है अपनी गौरवमय ज्योति परमेश्वर
राज्य में मानव और परमेश्वर, अपार आनंद में रहते हैं।
सभी लाये गए हैं रोशनी में, अंधकार में कोई रहा नहीं है।
परमेश्वर की बहुलता का, मानव संग पर्वत आनंद लेते हैं।
मानव के धन्य जीवन के लिए, जलस्रोत नृत्य करते हैं।
स्वर्ग और धरती दोनों, एक-दूजे पर निर्भर हैं।
मानव सभी पूरी मेहनत और निष्ठा से, सेवा परमेश्वर की करते हैं। न अब कोई विद्रोह है, न अब कोई विरोध है।
यही पल है, जीवन अपना आरम्भ कर दिया है स्वर्ग में परमेश्वर ने।
मानव और परमेश्वर करीब हैं, दोनों में गहरा एहसास है। कितना मधुर-जीवन है! परेशान करता नहीं शैतान अब, विश्राम में हैं परमेश्वर-जन, उसके राज्य में।
ये मानव संग मानव का जीवन नहीं है,
इस कायनात में, रहते हैं परमेश्वर के चुने हुए जन, परमेश्वर की महिमामय ज्योति में। उसके राज्य में जीते हैं वे अपना जीवन, अतुल्य हर्ष में। बल्कि जीवन है परमेश्वर का अपने लोगों के संग।
करो समर्पित इसे परमेश्वर को।
दूषित हुआ, स्वाद लिया गम और ख़ुशी का हर इंसान ने। परमेश्वर की रोशनी में अब वे, कैसे न आनंद मनाएं। इन संजोये पलों को कैसे वे जानें दें। नाचो, गाओ लोगों, उन्नत करो हृदय अपना, ढोल बजाओ, खेलो परमेश्वर की ख़ातिर।
जब घूमता-फिरता है नीले आकाश में परमेश्वर।
परमेश्वर खुश है सारी कायनात पर। दिखलाता है अपना चेहरा, अपने लोगों को परमेश्वर। ऊंची आवाज में पुकारता है परमेश्वर, जगत के परे जाता है परमेश्वर। हर कोई गुणगान करता है उसका, राजा बन गया है परमेश्वर। परमेश्वर-जन अनुसरण करते हैं उसका,
मलयुक्त नहीं हैं लोग वे, बल्कि संत हैं शुद्ध हरिताश्म की तरह।
हर्षित मन लेकर घेर लेते हैं सब जन। आंदोलित करती हैं बादलों को आवाज़ें। अब न धुंध है, न पंक है, न मल का जमाव है कायनात में। परमेश्वर की निगरानी में उजागर करते हैं चेहरा अपना, कायनात के पावन लोग। प्रिय हैं परमेश्वर के, खुशियाँ हैं परमेश्वर की।
न दर्द है, न आँसूं हैं, न अब तन ही शेष है।
होता है हर सृजन जीवित फिर से। करता है सेवा हर संत स्वर्ग में। परमेश्वर के आलिंगन में, वे न विलाप करते हैं, न फ़िक्र है उन्हें, देकर ख़ुद को परमेश्वर को। लौटते हैं वे परमेश्वर के धाम में, अपनी जन्म-भूमि में। अविरल करेंगे प्रेम वो परमेश्वर को। धरती का अस्तित्व नहीं मगर, स्वर्ग का वजूद है।
प्रकट होता है परमेश्वर सम्मुख सबके, करता है गुणगान हर जन उसका। ऐसा जीवन, ऐसा सौंदर्य, बदलेगा न कभी। यही जीवन है राज्य में।
"मेमने का अनुसरण करना और नए गीत गाना" से
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।

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