30.7.19

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III परमेश्वर का अधिकार" (अंश 4)



अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III परमेश्वर का अधिकार" (अंश 4)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परिस्थितियों की परवाह किए बगैर परमेश्वर का अधिकार अस्तित्व में है; परमेश्वर सभी परिस्थितियों में अपने विचारों एवं अपनी इच्छाओं की अनुरूपता में प्रत्येक मानव की नियति एवं सभी प्राणियों का नियन्त्रण एवं इंतज़ाम करता है। मनुष्यों के बदलने के कारण यह नहीं बदलेगा, और यह मनुष्य की इच्छा से स्वतन्त्र है, और समय, अंतरिक्ष, एवं भूगोल में परिवर्तनों के द्वारा इसे बदला नहीं जा सकता है, क्योंकि परमेश्वर का अधिकार ही उसकी हस्ती है। चाहे मनुष्य परमेश्वर की संप्रभुता को जानने एवं स्वीकार करने के योग्य है या नहीं, और चाहे मनुष्य इसके अधीन होने के योग्य है या नहीं, यह मानव की नियति के ऊपर परमेश्वर की संप्रभुता के तथ्य को ज़रा सा भी नहीं बदलता है। दूसरे शब्दों में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि मनुष्य परमेश्वर की संप्रभुता के प्रति क्या मनोवृत्ति अपनाता है, क्योंकि यह साधारण तौर पर इस तथ्य को बदल नहीं सकता है कि परमेश्वर मानव की नियति एवं सभी चीज़ों के ऊपर संप्रभुता रखता है। भले ही तुम परमेश्वर की संप्रभुता के अधीन नहीं हो, फिर भी वह अब भी तुम्हारी नियति को निर्धारित करता है; भले ही तुम उसकी संप्रभुता को नहीं जान सकते हो, फिर भी उसका अधिकार अब भी अस्तित्व में है।परमेश्वर का अधिकार और मानव की नियति के ऊपर उसकी संप्रभुता मनुष्य की इच्छा से स्वतन्त्र हैं, वे मनुष्य की इच्छा एवं चुनावों की अनुरूपता में बदलते नहीं हैं। परमेश्वर का अधिकार हर जगह, हर घण्टे, और हर एक क्षण है। स्वर्ग और पृथ्वी भले ही टल जाएँ, उसका अधिकार कभी नहीं टलता, क्योंकि वह स्वयं परमेश्वर है, वह अद्वितीय अधिकार धारण करता है, और उसके अधिकार को लोगों, घटनाओं या चीज़ों के द्वारा, एवं अंतरीक्ष के द्वारा या भूगोल के द्वारा प्रतिबन्धित या सीमित नहीं किया जाता है। सभी समयों पर परमेश्वर अपने अधिकार को काम में लाता है, अपनी सामर्थ्य को दिखाता है, और हमेशा की तरह अपने प्रबंधन के कार्य को लगातार करता रहता है; सभी समयों पर वह सभी चीज़ों के ऊपर शासन करता है, सभी चीज़ों के लिए आपूर्ति करता है, और सभी चीज़ों का आयोजन करता है, जैसा उसने हमेशा से किया था। इसे कोई बदल नहीं सकता है। यह एक तथ्य है; यह अति प्राचीन काल से अपरिवर्तनीय सत्य है।"

स्रोत: सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया

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