परमेश्वर में विश्वास लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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17.8.19

Hindi Christian Video "तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें" क्लिप 5


Hindi Christian Video "तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें" क्लिप 5


धार्मिक दुनिया के पादरी और एल्डर्स बाइबल में पौलुस के उन कथनों पर अड़े रहते हैं, जिनमें कहा गया है कि,“पूरा शास्त्र परमेश्‍वर की प्रेरणा से आया है।” इस तरह वे मानते हैं कि बाइबल पूरी तरह से परमेश्वर के ही वचन हैं और वे बाइबल को गौरवान्वित करने और उसकी गवाही देने में कोई कसर नहीं छोड़ते तथा इस तरह वे बाइबल और परमेश्वर को एक-दूसरे के बराबर बना देते हैं। वे मानते हैं कि बाइबल प्रभु का प्रतिनिधित्व करती है और प्रभु में विश्‍वास करना यानी बाइबल में विश्‍वास करना है। तो क्या पूरी बाइबल परमेश्वर से ही प्रेरित है? क्या बाइबल में प्रभु, परमेश्वर हैं? परमेश्वर के कार्य ने बाइबल को जन्म दिया है या बाइबल ने परमेश्वर के कार्य को जन्म दिया है।

14.8.19

1. परमेश्वर पर विश्वास में नए कार्य के प्रति लोगों के विरोध का स्रोत तुम्हें अवश्य मालूम होना चाहिए।

अध्याय 7 सत्य के अन्य पहलू जो कि न्यूनतम हैं जिन्हें नए विश्वासियों द्वारा समझा जाना चाहिए

1. परमेश्वर पर विश्वास में नए कार्य के प्रति लोगों के विरोध का स्रोत तुम्हें अवश्य मालूम होना चाहिए।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मनुष्य के द्वारा परमेश्वर का विरोध करने का कारण, एक ओर मनुष्य के भ्रष्ट स्वभाव से, और दूसरी ओर, परमेश्वर के प्रति अज्ञानता और परमेश्वर के कार्य के सिद्धांतों की और मनुष्य के प्रति उनकी इच्छा की समझ की कमी से उत्पन्न होता है। इन दोनों पहलुओं का, परमेश्वर के प्रति मनुष्य के प्रतिरोध के इतिहास में विलय होता है। नौसिखिए विश्वासी परमेश्वर का विरोध करते हैं क्योंकि ऐसा विरोध उनकी प्रकृति में होता है, जबकि कई वर्षों से विश्वास वाले लोगों में परमेश्वर का विरोध, उनके भ्रष्ट स्वभाव के अलावा, परमेश्वर के प्रति उनकी अज्ञानता का परिणाम है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "वे सब जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं वे ही परमेश्वर का विरोध करते हैं" से

19.3.19

"विपरीत परिस्थितियों में मधुरता" क्लिप 5 - चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने 5/28 झाओयुआन हादसा क्यों गढ़ा?


"विपरीत परिस्थितियों में मधुरता" क्लिप 5 - चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने 5/28 झाओयुआन हादसा क्यों गढ़ा?



शेनडोंग झाओयुआन हादसे के सार्वजनिक परिक्षण के बाद, समझदार लोग पूरी तरह समझ गए कि यह मामला पूरी तरह से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कलीसिया को जानबूझकर बदनाम करने के लिए गढ़ा गया था। यह एक मनगढंत मुकदमा था और न्याय का दुरुपयोग थाI यह सब करने के पीछे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का भयावह मकसद क्या है?

8.1.19

निगरानी


Hindi Christian Crosstalk | निगरानी | Revealing the Status Quo of Religion in China


जब से सीसीपी ने सत्ता संभाली है, इसने हमेशा भिन्न-मत रखने वालों पर हमला और धार्मिक आस्था पर चोट की है। चीन के लोगों को हमेशा के लिए अपने काबू में करने की ख़ातिर, सीसीपी ने कई प्रकार के राष्ट्रीय निगरानी नेटवर्क बनाने के लिए भारी रकम खर्च की है, और विशेष रूप से ईसाइयों की निगरानी बहुत ज़्यादा कड़ी कर दी है। कई स्तरों पर फोन, इंटरनेट और कैमरों के माध्यम से उन पर निगरानी रखकर, सीसीपी ने अनगिनत ईसाइयों की अंधाधुंध गिरफ्तारी की है।

22.9.18

"परमेश्वर में आस्था" (6) - परमेश्वर में सच्चे विश्वास का क्या अर्थ है?


Hindi Gospel Movie clip "परमेश्वर में आस्था" (6) - परमेश्वर में सच्चे विश्वास का क्या अर्थ है?


बहुत से लोगों का मानना है कि परमेश्वर में विश्वास करना बाइबल में विश्वास करना है, और प्रभु के लिए कष्ट उठाकर कार्य करना परमेश्वर में विश्वास करने की वास्तविकता है। इस धार्मिक संसार में कोई भी अच्छे प्रकार से यह नहीं समझ पाया कि परमेश्वर में सच्चा विश्वास रखने का अर्थ क्या है। "परमेश्वर पर विश्वास" का अर्थ, यह विश्वास करना है कि परमेश्वर है; यह परमेश्वर पर विश्वास की सरलतम अवधारणा है।

28.6.18

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "विश्वासियों को क्या दृष्टिकोण रखना चाहिए"


 सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "विश्वासियों को क्या दृष्टिकोण रखना चाहिए"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "बीते समयों में, अनेक लोग मनुष्य की महत्वाकांक्षा और धारणाओं के साथ मनुष्य की आशाओं के लिए आगे बढ़े। अब इन मामलों पर चर्चा नहीं की जाएगी।

15.1.18

Hindi Christian Video "किसने धकेला उसे मौत के मुं‍ह में"


Hindi Christian Video "किसने धकेला उसे मौत के मुं‍ह में" | Chronicles of Religious Persecution


वर्ष 1949 में मेनलैण्ड चीन में सत्ता में आने के बाद से, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी धार्मिक आस्था का निरंतर उत्पीड़न करने में लगी रही है। पागलपन में यह ईसाइयों को बंदी बना चुकी है और उनकी हत्या कर चुकी है, चीन में काम कर रहे मिशनरियों को निष्काषित कर चुकी है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा चुका है, बाइबल की अनगिनत प्रतियां जब्त कर जला दी गयीं हैं, कलीसिया की इमारतों को सीलबंद कर दिया गया है और ढहाया जा चुका है, और सभी गृह कलीसिया को जड़ से उखाड़ फैंकने का प्रयास किया जा चुका है।

प्रभु की वापसी का स्वागत करने के लिए एक अति महत्वपूर्ण कदम

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