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22.8.19

3. परमेश्वर पर विश्वास में, तुम्हें परमेश्वर के साथ सामान्य सम्बन्ध स्थापित करना चाहिए।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर में विश्वास करने में तुम्हें कम से कम परमेश्वर के साथ एक सामान्य संबंध रखने के विषय का समाधान करना चाहिए। परमेश्वर के साथ सामान्य संबंध के बिना परमेश्वर में विश्वास करने का महत्व खो जाता है। परमेश्वर के साथ एक सामान्य संबंध को स्थापित करना परमेश्वर की उपस्थिति में अपने हृदय को शांत करने के द्वारा ही किया जा सकता है। परमेश्वर के साथ एक सामान्य संबंध को स्थापित करने का अर्थ है परमेश्वर के किसी भी कार्य पर संदेह न करना या उसका इनकार न करना, बल्कि उसके प्रति समर्पित रहना, और इससे बढ़कर इसका अर्थ है परमेश्वर की उपस्थिति में सही इरादों को रखना, स्वयं के बारे में न सोचते हुए हमेशा परमेश्वर के परिवार की बातों को सबसे महत्वपूर्ण विषय के रूप में सोचना, फिर चाहे तुम कुछ भी क्यों न कर रहे हो, परमेश्वर के अवलोकन को स्वीकार करना और परमेश्वर के प्रबंधनों के प्रति समर्पण करना। परमेश्वर की उपस्थिति में तुम जब भी कुछ करते हो तो तुम अपने हृदय को शांत कर सकते हो; यदि तुम परमेश्वर की इच्छा को नहीं भी समझते, फिर भी तुम्हें अपनी सर्वोत्तम योग्यता के साथ अपने कर्त्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए।

13.8.19

"तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें" क्लिप 3 - धार्मिक फरीसियों के सार को कैसे समझें


Hindi Christian Video "तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें" क्लिप 3 - धार्मिक फरीसियों के सार को कैसे 

समझें


धार्मिक दुनिया के पादरी और एल्डर्स ऐसे लोग हैं, जो कलीसियाओं में परमेश्वर की सेवा करते हैं। वे अक्सर बाइबल पढ़ते हैं और विश्वासियों को धर्मसंदेश सुनाते हैं, उनके लिए प्रार्थना करते हैं, और उनके प्रति करुणा प्रदर्शित करते हैं, लेकिन हम उन्हें पाखंडी फरीसी क्यों कहते हैं? ख़ास तौर पर प्रभु की वापसी को लेकर उनके रवैये के मामले में, वे लोग न केवल किसी भी चीज़ की खोज और जांच-पड़ताल नहीं करते, बल्कि उसके विपरीत वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य की अंधाधुंध अवहेलना और निंदा करते हैं। आख़िर ऐसा क्यों है?

12.8.19

Hindi Christian Video "तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें" क्लिप 2


Hindi Christian Video "तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें" क्लिप 


धार्मिक दुनिया के पादरी और एल्डर्स क्यों सर्वशक्तिमान परमेश्वर का विरोध कर उन्‍हें दंडित करते हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि वे देहधारी सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त सत्य से नफ़रत करते हैं, उस सत्‍य के विरुद्ध हैं और उसको स्वीकार नहीं कर सकते। इसी वजह से वे मसीह को नकारते हैं, उनका विरोध करते हैं और उनको दंडित करते हैं। यह उनके सत्य से नफ़रत करनेवाले शैतानी सार को उजागर करता है। मसीह जो सत्य व्यक्त करते हैं वह अतिसामर्थ्‍यवान और अधिकारपूर्ण है। वह मानवजाति को जागृत कर उसे बचा सकता है और लोगों को शैतान की सारी ताकतों को तोड़कर परमेश्वर की शरण में आने की प्रेरणा दे सकता है।

11.8.19

Hindi Christian Video "तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें" क्लिप 1


Hindi Christian Video "तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें" क्लिप 1


चीन की कम्युनिस्ट पार्टी एक शैतानी शासन है, जो वास्तव में सत्य और परमेश्वर से नफ़रत करती है। वह जानती है कि पूरी दुनिया में सिर्फ सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही एकमात्र ऐसी हस्‍ती हैं जो सत्य व्यक्त कर सकते हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर अंत के दिनों का उद्धार का कार्य करने की प्रक्रिया में हैं। अगर सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन लोगों के बीच फ़ैल गए, तो सत्य से प्रेम करनेवाले सभी लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर की शरण में लौट जायेंगे। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का दानवी चेहरा, जो कि सत्य से नफ़रत और परमेश्वर का विरोध करने वाला उसका वास्‍तविक चेहरा है, बेनकाब हो जाएगा। तब पूरी मानवजाति चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को त्याग देगी।

10.8.19

7. बाहरी अच्छे कर्मों और स्वभाव में परिवर्तनों के बीच अंतर

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
धर्म के दायरे में, बहुत से लोग सारा जीवन निरर्थकता से कष्ट भोगते हैं, अपने शरीर को नियंत्रित करते हुए या अपना बोझ उठाते हुए, यहाँ तक कि अपनी अंतिम सांस तक पीड़ा सहते हुए! कुछ लोग अपनी मृत्यु की सुबह में भी उपवास रखते हैं। वे अपने पूर्ण जीवन के दौरान स्वयं को अच्छे भोजन और अच्छे कपड़े से दूर रखते हैं, और केवल पीड़ा पर ज़ोर देते हैं। वे अपने शरीर को वश में कर पाते हैं और अपने शरीर को त्याग पाते हैं। पीड़ा सहन करने की उनकी भावना सराहनीय है। लेकिन उनकी सोच, उनकी धारणाएं, उनका मानसिक रवैया, और वास्तव में उनका पुराना स्वभाव—इनमें से किसी के साथ बिल्कुल भी निपटा नहीं गया है। उनकी स्वयं के बारे में कोई सच्ची समझ नहीं है।

2.8.19

6. तुम सच्चे और झूठे अगुवों और सच्चे और झूठे चरवाहों के बीच अंतर कैसे बताते हो?



परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जो लोग पवित्र आत्मा के वर्तमान कार्य का अनुसरण नहीं करते हैं, उन्होंने परमेश्वर के वचनों के कार्य में प्रवेश नहीं किया है, और चाहे वे कितना भी काम करें, या उनकी पीड़ा कितनी भी बड़ी हो, या वे कितनी ही भाग-दौड़ करें, परमेश्वर के लिए इनमें से किसी बात का कोई महत्व नहीं है, और वह उनकी सराहना नहीं करेगा। आज, जो लोग परमेश्वर के वास्तविक वचनों का पालन करते हैं, वे पवित्र आत्मा की धारा में हैं; जो लोग परमेश्वर के वास्तविक वचनों से अनभिज्ञ हैं, वे पवित्र आत्मा की धारा के बाहर हैं, और परमेश्वर की सराहना ऐसे लोगों के लिए नहीं है। वह सेवा जो पवित्र आत्मा की वास्तविक उक्तियों से विभाजित हो, वह देह की और धारणाओं की सेवा है, और यह परमेश्वर की इच्छा के अनुसार होने में असमर्थ है। यदि लोग धार्मिक अवधारणाओं में रहते हैं, तो वे ऐसा कुछ भी करने में असमर्थ होते हैं जो परमेश्वर की इच्छा के लिए उपयुक्त हो, और भले ही वे परमेश्वर की सेवा करें, वे अपनी कल्पना और अवधारणाओं के घेरे में सेवा करते हैं, और परमेश्वर की इच्छा के अनुसार सेवा करने में पूरी तरह से असमर्थ होते हैं। जो लोग पवित्र आत्मा के कार्य का अनुसरण करने में असमर्थ हैं, वे परमेश्वर की इच्छा को नहीं समझते हैं, और जो परमेश्वर की इच्छा को नहीं समझते हैं वे परमेश्वर की सेवा नहीं कर सकते। परमेश्वर ऐसी सेवा चाहता है जो उसके दिल के मुताबिक हो; वह ऐसी सेवा नहीं चाहता है जो कि धारणाओं और देह की हो।

26.7.19

4. तुम सच्चे और झूठे मार्गों में, और सच्ची और झूठी कलीसियाओं में अंतर कैसे बता सकते हो?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
सच्चे मार्ग की तलाश करने में सबसे बुनियादी सिद्धान्त क्या है? तुम्हें देखना होगा कि क्या इसमें पवित्र आत्मा का कार्य है कि नहीं, क्या ये वचन सत्य की अभिव्यक्ति हैं या नहीं, किसके लिए गवाही देनी है, और यह तुम्हारे लिए क्या ला सकता है। सच्चे मार्ग और गलत मार्ग के मध्य अंतर करने के लिए बुनियादी ज्ञान के कई पहलुओं की आवश्यकता होती है, जिनमें सबसे बुनियादी है यह बताना कि क्या इसमें पवित्र आत्मा का कार्य है या नहीं। क्योंकि परमेश्वर पर विश्वास का मनुष्य का सार पवित्र आत्मा पर विश्वास है, और यहाँ तक कि देहधारी परमेश्वर पर उसका विश्वास इसलिए है क्योंकि यह देह परमेश्वर के आत्मा का मूर्तरूप है, जिसका अर्थ यह है कि ऐसा विश्वास पवित्र आत्मा पर विश्वास है। आत्मा और देह के मध्य अंतर हैं, परन्तु क्योंकि यह देह पवित्रात्मा से आता है और वचन देहधारी होता है, इसलिए मनुष्य जिस में विश्वास करता है वह अभी भी परमेश्वर का अन्तर्निहित सार है। और इसलिए, इस बात का विभेद करने में कि यह सच्चा मार्ग है या नहीं, सर्वोपरि तुम्हें यह अवश्य देखना चाहिए कि क्या इसमें पवित्र आत्मा का कार्य है या नहीं, जिसके बाद तुम्हें अवश्य देखना चाहिए कि क्या इस मार्ग में सत्य है अथवा नहीं।

23.7.19

"केवल वह जो परमेश्वर के कार्य को अनुभव करता है वही परमेवर में सच में विश्वास करता है" (अंश)



"केवल वह जो परमेश्वर के कार्य को अनुभव करता है वही परमेवर में सच में विश्वास करता है" (अंश)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "आज, परमेश्वर के पास नया कार्य है। हो सकता है कि तुम इन वचनों को स्वीकार नहीं कर सको, ये तुम्हें अजीब लग सकते हैं, किंतु मैं तुम्हें सलाह देता हूँ कि तुम अपनी स्वाभाविकता प्रकट मत करो क्योंकि केवल वे जो परमेश्वर के समक्ष धार्मिकता के लिये सच्ची भूख-प्यास रखते हैं, सत्य को पा सकते हैं, और केवल वे जो वास्तव में धर्मनिष्ठ हैं, परमेश्वर के द्वारा प्रबुद्ध किए जा सकते हैं और मार्गदर्शन पा सकते हैं। लड़ने-झगड़ने के माध्यम से सत्य की खोज में कुछ नहीं मिलेगा। केवल शांति के साथ खोज करने से ही हम परिणामों को प्राप्त कर सकते हैं। जब मैं यह कहता हूँ कि "आज, परमेश्वर के पास नया कार्य है," तो मैं परमेश्वर के देह में लौटने की बात कर रहा हूँ। शायद तुम इन वचनों पर ध्यान न दो, शायद तुम उनका तिरस्कार करो, या शायद ये तुम्हारे लिए बड़े रुचिकर हों।

21.7.19

क्या आपने सच्चा प्रायश्चित किया है?


Hindi Christian Skit | क्या आपने सच्चा प्रायश्चित किया है?


किसी समय, झांग मिंगेन एक गृह कलीसिया में प्रचारक था। उसने बरसों प्रभु में आस्था रखी और उस दौरान, वह हर समय, प्रचार करता, कार्य करता, कष्ट उठाता, और प्रभु के लिये ख़ुद को खपाता था। इस तरह उसे लगता था कि उसने सच्चा प्रायश्चित और बदलाव हासिल कर लिया है। लेकिन, कलीसिया के चुनाव में, झांग मिंगेन ने दूसरे भाई-बहनों को अगुवा और उपयाजक चुने जाते देखा, जबकि उसे सभाओं के आयोजन का कार्य दिया गया। हालाँकि ऊपर से तो उसने स्वीकृति और समर्पण की भावना दिखाई, लेकिन वह बेहद नाख़ुश था। जब उसकी पत्नी उससे कहती है कि उसने सच्चा प्रायश्चित नहीं किया है, न ही उसमें सच्चा बदलाव आया है, तो झांग मिंगेन उसकी इस बात से आश्वस्त नहीं हो पाता, और फिर एक जोरदार बहस छिड़ जाती है...।

13.7.19

1.तुम्हें परमेश्वर के कार्य और मनुष्य के कार्य में कैसे विभेद करना चाहिए?

अध्याय 6 विभेदन के कई रूप जिन्हें परमेश्वर में तुम्हारे विश्वास में तुम्हें धारण करना चाहिए

1.तुम्हें परमेश्वर के कार्य और मनुष्य के कार्य में कैसे विभेद करना चाहिए?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
अनुग्रह के युग में, यीशु ने भी काफ़ी बातचीत की और काफ़ी कार्य किया। वह यशायाह से किस प्रकार भिन्न था? वह दानिय्येल से किस प्रकार भिन्न था? क्या वह कोई भविष्यद्वक्ता था? ऐसा क्यों कहा जाता है कि वह मसीहा है? उनके मध्य क्या भिन्न्ताएँ हैं? वे सभी मनुष्य थे जिन्होंने वचन बोले थे, और मनुष्य को उनके वचन लगभग एक से प्रतीत होते थे। उन सभी ने बातें की और कार्य किए। पुराने विधान के भविष्यवद्क्ताओं ने भविष्यवाणियाँ की, और उसी तरह से, यीशु भी वैसा ही कर सका। ऐसा क्यों है? यहाँ कार्य की प्रकृति के आधार पर भिन्नता है। इस मामले को समझने के लिए, तुम देह की प्रकृति पर विचार नहीं कर सकते हो और तुम्हें किसी व्यक्ति के वचनों की गहराई या सतहीपन पर विचार नहीं करना चाहिए। तुम्हें अवश्य हमेशा सबसे पहले उसके कार्य पर और उन प्रभावों पर विचार करना चाहिए जिसे उसका कार्य मनुष्य में प्राप्त करता है। उस समय यशायाह के द्वारा कही गई भविष्यवाणियों ने मनुष्य का जीवन प्रदान नहीं किया, और दानिय्येल जैसे लोगों द्वारा प्राप्त किए गए संदेश मात्र भविष्यवाणियाँ थीं न कि जीवन का मार्ग थीं।

3.7.19

अंत के दिनों के फ़रीसी


Hindi Christian Crosstalk | अंत के दिनों के फ़रीसी | Who Stops Us From Welcoming Lord Jesus' 

Return?


ईसाई झांग यी ने गवाही सुनी कि प्रभु लौट आये हैं, लेकिन जब उसने सत्य मार्ग की जाँच-पड़ताल की, तो उसके पादरी और एल्डर ने उसे कई बार यह कहकर रोकने और रुकावट डालने की कोशिश की कि, "यह दावा करने वाले कि प्रभु देहधारण करके आ गये हैं, पाखंड और झूठी बातें फैला रहे हैं। उनकी बात मत सुनो, उनके वचनों को मत पढ़ो, और उनसे कोई सम्पर्क न रखो!" इससे झांग उलझन में पड़ गया, क्योंकि प्रभु यीशु ने साफ़ तौर पर कहा है, "आधी रात को धूम मची : 'देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो'" (मत्ती 25:6)।(© BSI) "मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं" (यूहन्ना 10:27)।(© BSI) प्रभु यीशु के वचनों में कहा गया है कि लोगों को बुद्धिमान कुँवारियाँ बनकर, सक्रिय रूप से प्रभु की वाणी की खोज करना और उसे सुनना चाहिये ताकि प्रभु का स्वागत किया जा सके, लेकिन उसके पादरी और एल्डर विश्वासियों को परमेश्वर की वाणी सुनने से रोकने और पाबंदी लगाने के लिये भरसक कोशिश करते हैं। वे लोग विश्वासियों के सत्य मार्ग की जाँच-पड़ताल करने से डरे हुए क्यों हैं?

20.6.19

परमेश्वर के नाम का रहस्य


Hindi Christian Crosstalk | परमेश्वर के नाम का रहस्य | Can the Lord Be Called Jesus When He Returns?



दो हज़ार सालों से, ईसाइयों ने हमेशा यही मानकर प्रभु यीशु का नाम पुकारा है और उनसे प्रार्थना की है कि परमेश्वर का नाम सदैव यीशु ही रहेगा। हालांकि, प्रकाशित वाक्य की पुस्तक, अध्याय 3, पद 12 में यह भविष्यवाणी की गई है कि वापस लौटने पर प्रभु का एक नया नाम होगा। तो अब जबकि प्रभु अंत के दिनों में लौट आये हैं, तो क्या अब भी हम उनको यीशु ही कहेंगे? परमेश्वर के नाम में कौन से रहस्य छिपे हैं?

18.6.19

4. परमेश्वर के परीक्षणों और शुद्धिकरण के कार्य का महत्व।

अध्याय 4 तुम्हें अंत के दिनों में परमेश्वर के कार्य की सच्चाईयों को अवश्य जानना चाहिए।

4. परमेश्वर के परीक्षणों और शुद्धिकरण के कार्य का महत्व।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
लोगों की कौन सी आंतरिक स्थिति पर यह सब परीक्षणों को लक्ष्य किया जाता है? ये लोगों के विद्रोही स्वभाव को लक्षित करती हैं जो परमेश्वर को संतुष्ट करने के अयोग्य है। लोगों के भीतर बहुत सी अशुद्ध बातें हैं, और बहुत सा पांखड भरा हुआ है, और इसलिए परमेश्वर उन्हें परीक्षाओं के आधीन करता है ताकि उन्हें शुद्ध बना सके।… परमेश्वर का सच्चा प्रेम उसके सम्पूर्ण स्वभाव में निहित है, और जब परमेश्वर का सम्पूर्ण स्वभाव तेरे ऊपर प्रकट होता है, तो यह तेरे देह पर क्या लेकर आता है? जब परमेश्वर का धार्मिक स्वभाव तुझे दिखाया जाता है, तेरा देह अनिवार्य रूप से अत्याधिक कष्ट सहेगा।

29.5.19

परमेश्वर की सारी सृष्टि उसकी प्रभुता के अधीन होनी चाहिए


Hindi Worship Song | परमेश्वर की सारी सृष्टि उसकी प्रभुता के अधीन होनी चाहिए | How Great Is Our God

परमेश्वर ने बनाया सब कुछ, और इसलिए वह सृष्टि को लेता है, अधीन अपने, और झुकाता आगे अपने प्रभुत्व के। आदेश वो देता है सब को, हाथों में लेकर नियंत्रण। जीव-जंतु, पहाड़, नदी, और मानव को अधीन उसके आना होगा।

13.5.19

2. सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही पुनः वापस आया यीशु है।

अध्याय 1 तुम्हें अवश्य जानना चाहिए कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही एक सच्चा परमेश्वर है जिसने आकाश और पृथ्वी और वह सब कुछ बनाया है जो कुछ उन में है।

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2. सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही पुनः वापस आया यीशु है।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर चीन की मुख्य भूमि में देहधारण किया है, जिसे हांगकांग और ताइवान में हमवतन के लोग अंतर्देशीय कहते हैं। जब परमेश्वर ऊपर से पृथ्वी पर आया, तो स्वर्ग और पृथ्वी में कोई भी इसके बारे में नहीं जानता था, क्योंकि यही परमेश्वर का एक गुप्त अवस्था में लौटने का वास्तविक अर्थ है। वह लंबे समय तक देह में कार्य करता और रहता रहा है, फिर भी इसके बारे में कोई भी नहीं जानता है। आज के दिन तक भी, कोई इसे पहचानता नहीं है। शायद यह एक शाश्वत पहेली रहेगा। इस बार परमेश्वर का देह में आना कुछ ऐसा नहीं है जिसके बारे कोई भी जानने में सक्षम नहीं है। इस बात की परवाह किए बिना कि पवित्रात्मा का कार्य कितने बड़े-पैमाने का और कितना शक्तिशाली है, परमेश्वर हमेशा शांतचित्त बना रहता है, कभी भी स्वयं का भेद नहीं खोलता है।

10.5.19

मार्ग... (1)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन,परमेश्वर का कार्य,परमेश्वर की इच्छा,परमेश्वर को जानना

मार्ग... (1)

अपने जीवनकाल में कोई भी व्यक्ति नहीं जानता है कि वह किस तरह की बाधाओं का सामना करने जा रहा है, न ही उसे पता होता है कि वह किस प्रकार के शुद्धिकरण के अधीन होगा। कुछ के लिए यह उनके काम में है, कुछ के लिए यह उनके भविष्य की संभावनाओं में है, कुछ के लिए यह उनके मूल परिवार में है, और कुछ के लिए यह उनके विवाह में है। लेकिन उनमें जो भिन्न है वह है कि आज हम, लोगों का यह समूह, परमेश्वर के वचन के लिए पीड़ित हैं। अर्थात्, जैसे कि कोई जो परमेश्वर की सेवा करता हो, हमने उसमें विश्वास करने के मार्ग पर बाधा का सामना किया हो, और यही वह रास्ता है जो सभी विश्वासी लेते हैं और यह हम सभी के पैरों के नीचे की राह है। यह इसी बिंदु से है कि हम परमेश्वर पर विश्वास करने के अपने मार्ग को आधिकारिक रूप से आरंभ करते हैं, मनुष्य के रूप में अपने जीवन पर से पर्दा उठाते हैं, और जीवन के सही मार्ग पर प्रवेश करते हैं।

9.5.19

"सुसमाचार दूत" क्लिप 3 - प्रभु की वापसी को पादरी और एल्डर्स किस ढंग से लेते हैं


Hindi Christian Video "सुसमाचार दूत" क्लिप 3 - प्रभु की वापसी को पादरी और एल्डर्स किस ढंग से लेते हैं


प्रभु यीशु अंत के दिनों में लौट आया है। वह बहुत से सत्य बोल रहा है और न्याय का कार्य कर रहा है। यह बात बिल्कुल तर्क-संगत होनी चाहिये कि चूँकि पादरी और एल्डर्स प्रभु की सेवा करते हैं, बाइबल का अच्छा ज्ञान रखते हैं और दूसरों को भी समझाते हैं, इसलिये उन्हें इस योग्य होना चाहिये कि प्रभु के आगमन को पहचान सकें और उनके स्वागत के लिये विश्वासियों की अगुवाई कर सकें। लेकिन वास्तव में ये पादरी और एल्डर्स प्रभु की वापसी को किस ढंग से लेते हैं?

6.5.19

परमेश्वर अंतिम दिनों में मुख्यत वचन से काम करते हैं


Hindi Christian Dance Video | परमेश्वर अंतिम दिनों में मुख्यत वचन से काम करते हैं


अंतिम दिनों में परमेश्वर देह बन जाते हैं।
वो सब पूरा करते हैं अधिकतर अपने वचन से।
केवल उसके वचन में तुम देख सकते हो,
वो सबकुछ प्रत्यक्ष करते हैं अपने वचन से। वो जो हैं और ये कि वो परमेश्वर हैं।
न देते हैं कोई संकेत, परमेश्वर, क्योंकि है उनका वचन काफ़ी।
देहधारी परमेश्वर आते हैं धरती पर कहने अपना वचन केवल, ना किसी और काम से।

30.3.19

"परिवार में रक्तिम पुनर्शिक्षा" क्लिप 3 - परमेश्वर के प्रति चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिरोध के मूल और परिणाम को ईसाई समझाते हैं

Hindi Christian Video "परिवार में रक्तिम पुनर्शिक्षा" क्लिप 3 - परमेश्वर के प्रति चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिरोध के मूल और परिणाम को ईसाई समझाते हैं

चूँकि सीसीपी बहुत पागलपन से ईसाईयों पर अत्याचार करती है और उन्होंने अभी तक परमेश्वर को इसे नष्ट करते हुए नहीं देखा है, इसलिए बहुत से लोग इस बात पर विश्वास नहीं करते कि परमेश्वर का विरोध करना प्रतिशोध या दण्ड का कारण बनेगा, और वे विशेष रूप से परमेश्वर के अस्तित्व या उनके नियम में विश्वास नहीं करते हैं। क्या इस दृष्टिकोण का सच में कोई आधार है? क्या यह परमेश्वर के कार्य के तथ्यों के अनुरूप है?

20.3.19

एकता की भावना व्यक्त करते हैं सभी देशों के परमेश्वर-जन


Hindi Christian Song | एकता की भावना व्यक्त करते हैं सभी देशों के परमेश्वर-जन | Praise and 

Thank God

परमेश्वर का देश देखो शासन सबपे उसका।
सॄष्टि के आरंभ से आज के दिन तक,
परमेश्वर द्वारा मार्गदर्शित, उसके पुत्र, गुज़रे हैं कई कठिनाइयों से। गुज़रे हैं कई उतार-चढ़ावों से। किसके आँसू बहते नहीं मेहनत से जीती आज की ज़िंदगी के लिए? अब उसकी रोशनी में हैं वो रहते। कौन है रोता नहीं कल के अन्याय पे? कौन है रोता नहीं कल के अन्याय पे?

प्रभु की वापसी का स्वागत करने के लिए एक अति महत्वपूर्ण कदम

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TheSalvationAlmightyGod