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26.8.19

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - पच्चीसवाँ कथन"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - पच्चीसवाँ कथन"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "मेरी नज़रों में, मनुष्य सभी चीज़ों का शासक है। मैंने उसे कम मात्रा में अधिकार नहीं दिया है, उसे पृथ्वी पर सभी चीज़ों—पहाड़ो के ऊपर की घास, जंगलों के बीच जानवरों, और जल की मछलियों—का प्रबन्ध करने की अनुमति दी है। फिर भी इसकी वजह से खुश होने के बजाए, मनुष्य चिंता से व्याकुल है। उसका पूरा जीवन एक मनस्ताप का, और वह यहाँ-वहाँ भागने का, और खालीपन में कुछ मौज मस्ती जोड़ने का है, और उसके पूरे जीवन में कोई नए अविष्कार और नई रचनाएँ नहीं हैं। कोई भी अपने आप को इस खोखले जीवन से छुड़ाने में समर्थ नहीं है, किसी ने कभी भी सार्थक जीवन की खोज नहीं की है, और किसी ने कभी भी एक वास्तविक जीवन का अनुभव नहीं किया है। यद्यपि आज सभी लोग मेरे चमकते हुए प्रकाश के नीचे जीवन बिताते हैं, फिर भी वे स्वर्ग के जीवन के बारे में कुछ नहीं जानते हैं।

22.8.19

3. परमेश्वर पर विश्वास में, तुम्हें परमेश्वर के साथ सामान्य सम्बन्ध स्थापित करना चाहिए।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर में विश्वास करने में तुम्हें कम से कम परमेश्वर के साथ एक सामान्य संबंध रखने के विषय का समाधान करना चाहिए। परमेश्वर के साथ सामान्य संबंध के बिना परमेश्वर में विश्वास करने का महत्व खो जाता है। परमेश्वर के साथ एक सामान्य संबंध को स्थापित करना परमेश्वर की उपस्थिति में अपने हृदय को शांत करने के द्वारा ही किया जा सकता है। परमेश्वर के साथ एक सामान्य संबंध को स्थापित करने का अर्थ है परमेश्वर के किसी भी कार्य पर संदेह न करना या उसका इनकार न करना, बल्कि उसके प्रति समर्पित रहना, और इससे बढ़कर इसका अर्थ है परमेश्वर की उपस्थिति में सही इरादों को रखना, स्वयं के बारे में न सोचते हुए हमेशा परमेश्वर के परिवार की बातों को सबसे महत्वपूर्ण विषय के रूप में सोचना, फिर चाहे तुम कुछ भी क्यों न कर रहे हो, परमेश्वर के अवलोकन को स्वीकार करना और परमेश्वर के प्रबंधनों के प्रति समर्पण करना। परमेश्वर की उपस्थिति में तुम जब भी कुछ करते हो तो तुम अपने हृदय को शांत कर सकते हो; यदि तुम परमेश्वर की इच्छा को नहीं भी समझते, फिर भी तुम्हें अपनी सर्वोत्तम योग्यता के साथ अपने कर्त्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए।

11.7.19

Hindi Christian Song "मानवजाति पर परमेश्वर की दया"


Hindi prayer song "मानवजाति पर परमेश्वर की दया"


दया का अर्थ हो सकता है, दिल से प्रेम करना। दया का अर्थ हो सकता है, प्रेम और रक्षा करना। दया का अर्थ हो सकता है, चोट न देना चाहना। दया का अर्थ हो सकता है, कोमलता महसूस करना।

29.6.19

बेहद दयालु और अत्यंत क्रोधी है परमेश्वर


Hindi Christian Song | बेहद दयालु और अत्यंत क्रोधी है परमेश्वर | Praise God's Righteous Disposition


परमेश्वर की दया और उसके क्रोध का अस्तित्व है, ये कितना असली, कितना सच्चा है, मगर जब अपने क्रोध को वो बेलगाम करता है, तो उसकी पवित्रता और धार्मिकता इंसान को परमेश्वर का वो पहलू भी दिखाते हैं जो अपमान सहन नहीं करता।

28.5.19

1,मानवजाति को प्रबंधित करने का काम क्या है?

अध्याय 3 तुम्हें परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों की सच्चाईयों के बारे में अवश्य जानना चाहिए?


1. मानवजाति को प्रबंधित करने का काम क्या है?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मानवजाति का प्रबंधन करने के कार्य को तीन चरणों में बाँटा जाता है, जिसका अर्थ यह है कि मानवजाति को बचाने के कार्य को तीन चरणों में बाँटा जाता है। इन चरणों में संसार की रचना का कार्य समाविष्ट नहीं है, बल्कि ये व्यवस्था के युग, अनुग्रह के युग और राज्य के युग के कार्य के तीन चरण हैं। संसार की रचना करने का कार्य, सम्पूर्ण मानवजाति को उत्पन्न करने का कार्य था। यह मानवजाति को बचाने का कार्य नहीं था, और मानवजाति को बचाने के कार्य से कोई सम्बन्ध नहीं रखता है, क्योंकि जब संसार की रचना हुई थी तब मानवजाति शैतान के द्वारा भ्रष्ट नहीं की गई थी, और इसलिए मानवजाति के उद्धार का कार्य करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। मानवजाति को बचाने का कार्य केवल मानवजाति के भ्रष्ट होने पर ही आरंभ हुआ, और इसलिए मानवजाति का प्रबंधन करने का कार्य भी मानवजाति के भ्रष्ट हो जाने पर ही आरम्भ हुआ।

29.4.19

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "वे सब जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं वे ही परमेश्वर का विरोध करते हैं"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "वे सब जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं वे ही परमेश्वर का विरोध करते हैं"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "जिन्हें मैं कहता हूँ कि वे परमेश्वर के विरोध में हैं ये वे लोग हैं जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं, वे लोग हैं जो निरर्थक वचनों से परमेश्वर को स्वीकार करते हैं मगर परमेश्वर को नहीं जानते हैं, वे लोग हैं जो परमेश्वर का अनुसरण करते हैं मगर उनकी आज्ञा का पालन नहीं करते हैं, और वे लोग हैं जो परमेश्वर के अनुग्रह में आनंद करते हैं मगर उनकी गवाही नहीं दे सकते हैं। परमेश्वर के कार्य के उद्देश्य, और मनुष्य में उसके काम को समझे बिना मनुष्य परमेश्वर के हृदय के अनुरूप नहीं हो सकता है, और परमेश्वर की गवाही नहीं दे सकता है। मनुष्य के द्वारा परमेश्वर का विरोध करने का कारण, एक ओर मनुष्य के भ्रष्ट स्वभाव से, और दूसरी ओर, परमेश्वर के प्रति अज्ञानता और परमेश्वर के कार्य के सिद्धांतों की और मनुष्य के प्रति उनकी इच्छा की समझ की कमी से उत्पन्न होता है।

16.3.19

"विपरीत परिस्थितियों में मधुरता" क्लिप 3 - सीसीपी ईसाइयों को जीवन के सही मार्ग पर क्यों नहीं चलने देती है?


Hindi Christian Video "विपरीत परिस्थितियों में मधुरता" क्लिप 3 - सीसीपी ईसाइयों को जीवन के सही मार्ग पर क्यों नहीं चलने देती है?

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने धार्मिक विश्वास को पागलपन के साथ कुचला और उस पर हमला कियाI वह बिना रुके ईसाईयों को कैद करती और बेरहमी से सताती है। वह सिर्फ लोगों को कम्युनिस्ट पार्टी का अनुसरण करने की अनुमति देती है।वह लोगों को परमेश्वर में विश्वास करने और उनका अनुसरण करने की अनुमति नहीं देती क्योंकि वे जीवन के उचित मार्ग पर चलते हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का अंत में परिणाम क्या होगा? चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के क्रूर दमन, धर-पकड़ और अत्याचार का सामना करते हुए, ईसाई प्रभु का अनुसरण, सुसमाचार का प्रचार और परमेश्वर की गवाही को वहन करते रह पायेंगे।

24.2.19

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "तीन चेतावनियाँ" |

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर में विश्वासी के रूप में, तुम लोगों को सभी बातों में परमेश्वर के अलावा और किसी के प्रति वफादार नहीं होना चाहिए और सभी बातों में उसकी इच्छा के अनुरूप होने में समर्थ होना चाहिए।


सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "तीन चेतावनियाँ" | The Warning of God to Man (Hindi)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर में विश्वासी के रूप में, तुम लोगों को सभी बातों में परमेश्वर के अलावा और किसी के प्रति वफादार नहीं होना चाहिए और सभी बातों में उसकी इच्छा के अनुरूप होने में समर्थ होना चाहिए। तथापि, यद्यपि हर कोई इस सिद्धांत को समझता है, फिर भी ये सच्चाइयाँ जो अत्यधिक स्पष्ट और बुनियादी हैं, जहाँ तक मनुष्य का संबंध है, उसकी अज्ञानता, बेहूदगी, और भ्रष्टता जैसी नानाविध मनोव्यथाओं के कारण उसमें पूरी तरह से नहीं देखी जा सकती है। इसलिए, तुम लोगों का अंत निर्धारित करने से पहले, मुझे सबसे पहले तुम लोगों को कुछ चीज़ें बतानी चाहिए, जो तुम लोगों के लिए अत्यधिक महत्व की हैं।

16.2.19

परमेश्वर के स्वभाव का प्रतीक



Hindi Christian Song | परमेश्वर के स्वभाव का प्रतीक | God's Essence Is Good and Righteous



परमेश्वर के स्वभाव में है शामिल

मानव जाति के लिए उसका प्यार और दिलासा,

शामिल है मानव जाति के लिए उसकी नफ़रत और उसकी पूरी समझ।

25.9.18

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "देहधारण के महत्व को दो देहधारण पूरा करते हैं"


कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "देहधारण के महत्व को दो देहधारण पूरा करते हैं"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "विश्व के सृजन के बाद से परमेश्वर के आत्मा ने इतना महान कार्य किया है; उसने विभिन्न युगों के दौरान, और भिन्न-भिन्न देशों में भिन्न-भिन्न कार्य किए हैं। प्रत्येक युग के लोग उसके भिन्न स्वभाव को देखते हैं, जो कि उस भिन्न कार्य के माध्यम से प्राकृतिक रूप से प्रकट होता है जिसे वह करता है। वह दया और करुणा से भरा हुआ परमेश्वर है; वह मनुष्य और मनुष्य के चरवाहे के लिए पापबलि है, फिर भी वह मनुष्य पर न्याय, ताड़ना, और श्राप भी है। वह मनुष्य की पृथ्वी पर दो हजार साल तक रहने में अगुआई कर सका और भ्रष्ट मानवजाति को पाप से छुटकारा दिला सका था। और आज, वह उस मानवजाति को जीतने में भी सक्षम है जो उसे नहीं जानती है और उसे अपने प्रभुत्व के अधीन करने में सक्षम है, ताकि सभी पूरी तरह से उसके प्रति समर्पण कर दें। अंत में, वह समस्त विश्व में मनुष्यों के अंदर जो कुछ भी अशुद्ध और अधर्मी है उसे जला कर दूर कर देगा, ताकि उन्हें यह दिखाए कि वह न सिर्फ दया, करुणा, बुद्धि, आश्चर्य और पवित्रता का परमेश्वर है, बल्कि इससे भी अधिक, वह एक ऐसा परमेश्वर है जो मनुष्य का न्याय करता है।"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों में वह सभी सत्य समाहित है जिसे मनुष्य को समझने की आवशकता है, और जो उसे नए युग में ले जाता है  

26.3.18

"शहर परास्त किया जाएगा" (5) - परमेश्वर के क्रोध के तहत धार्मिक बेबीलोन का पतन तय है



"शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 5 - परमेश्वर के क्रोध के तहत धार्मिक बेबीलोन का पतन तय है


धार्मिक जगत सर्वशक्तिमान परमेश्वर का बेतहाशा विरोध और तिरस्कार करता है, अनगिनत दुष्कर्म करता है, और वह शैतान का ऐसा अड्डा बन गया है जो स्वयं को परमेश्वर के विरोध में रखता है। धार्मिक बेबीलोन के महान शहर की नियति यही है कि परमेश्वर के कोप के अधीन उसका पतन हो जाए। प्रकाशित-वाक्य की भविष्यवाणी है कि, "हे बड़े नगर, बेबीलोन! हे दृढ़ नगर, हाय! हाय! घड़ी भर में ही तुझे दण्ड मिल गया है" (प्रकाशितवाक्य 18:10)। सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "हमें विश्वास है कि परमेश्वर जो कुछ प्राप्त करना चाहता है उस मार्ग में कोई भी देश या शक्ति ठहर नहीं सकता है।

21.3.18

Hindi Gospel Movie "शहर परास्त किया जाएगा" (2) - पाखंडी फरीसियों को श्राप क्यों लगा है?


Hindi Gospel Movie "शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 2 - पाखंडी फरीसियों को श्राप क्यों लगा है?


बाइबल में यह दर्ज है कि प्रभु यीशु ने फरीसियों को सात आपदाओं का श्राप दिया। आजकल, धार्मिक संसार के पादरी और एल्डर्स जिस मार्ग पर चल रहे हैं, वो फरीसियों का ही है और वे उसी तरह परमेश्वर की घृणा और अस्वीकृति से पीड़ित होंगे। तो फिर क्यों प्रभु यीशु ने फरीसियों को निन्दित और श्रापित किया? यह मुख्यतः इसलिए था क्योंकि उनके पास परमेश्वर को झुठलाने वाला एक पाखंडी सत्व था, क्योंकि उनका ध्यान सिर्फ धार्मिक पद्धतियों और नियमों का पालन करने में था, उन्होंने केवल बाइबल के नियमों और सिद्धांतों को समझाया और परमेश्वर के वचनों को अमल में नहीं लाए या परमेश्वर की आज्ञाओं का बिल्‍कुल भी पालन नहीं किया, और यहाँ तक कि उन्होंने परमेश्वर की आज्ञाओं को भी नकार दिया।

20.1.18

परमेश्वर का स्वभाव है उत्कृष्ट और भव्य


Hindi Gospel Song | परमेश्वर का स्वभाव है उत्कृष्ट और भव्य | Understand the Feelings of God

परमेश्वर का स्वभाव है उत्कृष्ट और भव्य परमेश्वर नाराज़ है कि, अधर्मी चीज़ें इंसान को दुख दे रही हैं, अंधकार और बुराई का अस्तित्व है, जैसे वे चीज़ें जो सच्चाई को नकारती हैं, कि अच्छाई के प्रतिकूल हैं, कि अच्छाई के प्रतिकूल हैं।

प्रभु की वापसी का स्वागत करने के लिए एक अति महत्वपूर्ण कदम

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