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27.10.18

"स्वर्गिक परमपिता की इच्छा के प्रति आज्ञाकारिता ही मसीह का वास्तविक सार है"



Maseeh ke kathan "स्वर्गिक परमपिता की इच्छा के प्रति आज्ञाकारिता ही मसीह का वास्तविक सार है"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "देहधारी परमेश्वर मसीह कहलाता है, तथा मसीह परमेश्वर के आत्मा के द्वारा धारण किया गया देह है। यह देह किसी भी मनुष्य की देह से भिन्न है। यह भिन्नता इसलिए है क्योंकि मसीह मांस तथा खून से बना हुआ नहीं है बल्कि आत्मा का देहधारण है। उसके पास सामान्य मानवता तथा पूर्ण परमेश्वरत्व दोनों हैं।

25.9.18

कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "देहधारण के महत्व को दो देहधारण पूरा करते हैं"


कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन "देहधारण के महत्व को दो देहधारण पूरा करते हैं"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "विश्व के सृजन के बाद से परमेश्वर के आत्मा ने इतना महान कार्य किया है; उसने विभिन्न युगों के दौरान, और भिन्न-भिन्न देशों में भिन्न-भिन्न कार्य किए हैं। प्रत्येक युग के लोग उसके भिन्न स्वभाव को देखते हैं, जो कि उस भिन्न कार्य के माध्यम से प्राकृतिक रूप से प्रकट होता है जिसे वह करता है। वह दया और करुणा से भरा हुआ परमेश्वर है; वह मनुष्य और मनुष्य के चरवाहे के लिए पापबलि है, फिर भी वह मनुष्य पर न्याय, ताड़ना, और श्राप भी है। वह मनुष्य की पृथ्वी पर दो हजार साल तक रहने में अगुआई कर सका और भ्रष्ट मानवजाति को पाप से छुटकारा दिला सका था। और आज, वह उस मानवजाति को जीतने में भी सक्षम है जो उसे नहीं जानती है और उसे अपने प्रभुत्व के अधीन करने में सक्षम है, ताकि सभी पूरी तरह से उसके प्रति समर्पण कर दें। अंत में, वह समस्त विश्व में मनुष्यों के अंदर जो कुछ भी अशुद्ध और अधर्मी है उसे जला कर दूर कर देगा, ताकि उन्हें यह दिखाए कि वह न सिर्फ दया, करुणा, बुद्धि, आश्चर्य और पवित्रता का परमेश्वर है, बल्कि इससे भी अधिक, वह एक ऐसा परमेश्वर है जो मनुष्य का न्याय करता है।"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों में वह सभी सत्य समाहित है जिसे मनुष्य को समझने की आवशकता है, और जो उसे नए युग में ले जाता है  

21.9.18

पवित्र आत्मा के वचन "तुम्हें सत्य के लिए जीना चाहिए क्योंकि तुम्हें परमेश्वर में विश्वास है"


पवित्र आत्मा के वचन "तुम्हें सत्य के लिए जीना चाहिए क्योंकि तुम्हें परमेश्वर में विश्वास है"



सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "इसलिए, परमेश्वर में विश्वास करना इतना आसान नहीं है जैसा कि मनुष्य कह सकता है। जैसे कि परमेश्वर इसे देखता है, यदि तुम्हारे पास सिर्फ़ ज्ञान है किन्तु जीवन के रूप में उसका वचन नहीं है; यदि तुम सिर्फ़ अपने स्वयं के ज्ञान तक ही सीमित हो परन्तु सत्य का अभ्यास नहीं कर सकते हो या परमेश्वर के वचन को जी नहीं सकते हो, तो तब भी यह प्रमाण है कि तुम्हारे पास परमेश्वर को प्रेम करने वाला हृदय नहीं है, और दर्शाता है कि तुम्हारा हृदय परमेश्वर से संबंधित नहीं है। परमेश्वर में विश्वास करके उसे जान लेना; यह अंतिम लक्ष्य है और जिसे मनुष्य को खोजना चाहिए। तुम्हें परमेश्वर के वचनों को जीने के लिए प्रयास समर्पित अवश्य करने चाहिए ताकि वे तुम्हारे अभ्यास में महसूस किए जा सकें। यदि तुम्हारे पास सिर्फ़ सैद्धांतिक ज्ञान है, तो परमेश्वर में तुम्हारा विश्वास बेकार हो जाएगा। तब यदि तुम सिर्फ़ इसे अभ्यास में लाते हो और उसके वचन को जीते हो तभी तुम्हारा विश्वास पूर्ण और परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप माना जाएगा।"


विश्वास क्या है--परमेश्वर से अनुमोदित विश्वास--ईसाई अनिवार्यताएं

4.9.18

पवित्र आत्मा के नए काम का अनुसरण करो और परमेश्वर की स्वीकृति प्राप्त करो


Hindi Christian Song 2018 | पवित्र आत्मा के नए काम का अनुसरण करो और परमेश्वर की स्वीकृति प्राप्त करो

ओ... ओ... ओ... ओ... पवित्र आत्मा के काम पर चलने का मतलब परमेश्वर की आज की इच्छा को समझना, परमेश्वर की मांग के अनुसार कार्य करना, आज के परमेश्वर के पीछे चलना, उसकी वर्तमान अपेक्षाओं को मानना, उसके नवीनतम कथनों में प्रवेश करना।

10.8.18

जो परमेश्वर को और उसके कार्य को जानते हैं केवल वे ही परमेश्वर को सन्तुष्ट कर सकते हैं


जो परमेश्वर को और उसके कार्य को जानते हैं केवल वे ही परमेश्वर को सन्तुष्ट कर सकते हैं


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर पर विश्वास करना और परमेश्वर के ज्ञान का अनुसरण करना आसान बात नहीं है। इन्हें केवल एक साथ इकट्ठे होने और उपदेश सुनने के द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है, और केवल ज़ुनून के द्वारा तुम्हें पूर्ण नहीं किया जा सकता है। तुम्हें अपने कार्यों को अवश्य अनुभव करना और जानना चाहिए, और अपने कार्यों में सैद्धान्तिक होना चाहिए, और पवित्र आत्मा के कार्यों को प्राप्त करना चाहिए।

28.7.18

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "जब परमेश्वर की बात आती है, तो तुम्हारी समझ क्या होती है"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "जब परमेश्वर की बात आती है, तो तुम्हारी समझ क्या होती है"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "परमेश्वर न केवल पवित्रात्मा, वह आत्मा, सात गुना तीव्र पवित्रात्मा, सर्व-व्यापी पवित्रात्मा है, बल्कि एक व्यक्ति, एक साधारण व्यक्ति, अपवादात्मक रूप से एक सामान्य व्यक्ति भी है। वह न सिर्फ़ नर, बल्कि नारी भी है। वे इस बात में एक समान हैं कि वे दोनों ही मानवों से जन्मे हैं, और इस बात पर असमान हैं कि एक का पवित्र आत्मा के द्वारा गर्भधारण किया गया है और दूसरा, मानव से जन्मा है, परन्तु प्रत्यक्ष रूप से पवित्रात्मा से ही उत्पन्न है।

24.12.17

एक उड़ाऊपुत्र की वापसी

वांग सिन हार्बिन शहर
1999 में, मैं कलीसिया के कार्य की आवश्यकताओं के कारण एक अग्रणी बन गया। हालांकि शुरुआत में मुझे गहराई से महसूस हुआ कि मैं कार्य के योग्य नहीं था, कुछ समय बाद मेरे अभिमान और आत्म तुष्ट स्वभाव के कारण, मेरी प्रारंभिक सावधानी धीरे-धीरे स्वयं को उत्कर्षित करने और अपने बारे में गवाही देने में बदल गयी।

प्रभु की वापसी का स्वागत करने के लिए एक अति महत्वपूर्ण कदम

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