Hindi Christian Song | "हासिल कर सकता है जो प्रभाव परमेश्वर का न्याय"
न्याय करने में परमेश्वर के कार्य की मंशा नहीं है एक या दो शब्दों में इंसान के पूरे स्वभाव को स्पष्ट करना, पर धीरे-धीरे इंसान को प्रकट करना, निपटना, और उसकी काँट-छाँट करना।
बदला ना जा सकता ऐसा व्यवहार आम शब्दों के लिए, पर उस सच्चाई के लिए, जो इंसान की सीमा के है पार। इसी कार्य को न्याय मानते हैं, यही वो न्याय जिसकी बदौलत इंसान मानते हैं दिल में, ज़ुबां पर, भीतर, बाहर आज्ञा परमेश्वर की, और जान पाते हैं सच में उसे। न्याय के कार्य से ही जान पाते हैं मनुष्य परमेश्वर का असली चेहरा और अपने विद्रोह की सच्चाई। सिखाता है यही परमेश्वर के कार्य का इरादा और मंशा सिखाता है यही उन राज़ को जो इंसान नहीं समझता। इसकी मदद से जानता वो अपने दूषण और बदसूरती को। इसी कार्य को न्याय मानते हैं, यही वो न्याय जिसकी बदौलत इंसान मानते हैं दिल में, ज़ुबां पर, भीतर, बाहर आज्ञा परमेश्वर की, और जान पाते हैं सच में उसे। न्याय के कार्य के ज़रिए ही प्राप्त होता है परमेश्वर के कार्य का प्रभाव। दरअसल सार है ऐसे कामों का, प्रकट करना सच्चाई, पथ, और जीवन ईश्वर का, सामने उनके जो रखते हैं आस्था उस पर। इसी कार्य को न्याय मानते हैं, यही वो न्याय जिसकी बदौलत इंसान मानते हैं दिल में, ज़ुबां पर, भीतर, बाहर आज्ञा परमेश्वर की, और जान पाते हैं सच में उसे। "वचन देह में प्रकट होता है" से
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
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