Hindi prayer song | ईमानदार लोगों में ही होती है इंसानियत | Thank God for His Love and
Salvation
शोहरत, मुनाफ़े की ख़ातिर, आचरण के मानक त्यागे मैंने, रोज़ी-रोटी के लिये झूठ बोलती थी मैं। विवेक या नैतिकता की परवाह की नहीं मैंने, सच्चाई या गरिमा की परवाह की नहीं मैंने। जीती थी सिर्फ़ अपनी बढ़ती अभिलाषा, लालच की संतुष्टि के लिए। बेचैन दिल लिये, पाप के कीचड़ में लोटती थी मैं, इस बेइंतिहा अंधेरे से बच न सकी मैं।